मलिहाबाद, लखनऊ। ठण्ड़ को देखते हुये प्रदेश सरकार ने ब्लाक अधिकारियों को निर्देशित कर गांवों मे बने पशु आश्रय केन्द्रों मे मौजूद गौवंशों को ठण्ड़ से बचाने के लिये उन्हें बोरों का स्वेटर उपलब्ध कराने को कहा था। लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते गौवंश पड़ रही कड़ाके ठण्ड़ मे ठिठुरने को मजबूर हैं।
विकास खण्ड़ मलिहाबाद की ग्राम पंचायत खडौहां, दिलावरनगर, दौलतपुर, मोहम्मदनगर तालुकेदारी, मलहा, महदोईया, कसमण्ड़ीखुर्द, बेलगढ़ा, कैथुलिया, माधवपुर मे सरकार द्वारा गांवों मे खुला घूम रहे गौवंशों को रखने के लिये अस्थायी पशु आश्रय केन्द्रों का निर्माण कराया गया है। इन पशु आश्रय केन्द्रों मे एक हजार 351 गौवंश मौजूद हैं। प्रदेश सरकार चारे के लिये प्रति जानवर 30 रूपये प्रतिदिन निर्धारित किये हैं। जिसमें हरा चारा व भूसा आदि है। लेकिन पशु आश्रय केन्द्रों पर हरे चारे की कोई व्यवस्था नहीं देखने को मिली। केन्द्रों मे मौजूद जानवरों को सिर्फ सूखा भूसा खिलाया जा रहा है।
पशु आश्रय केन्द्र कसमण्ड़ी खुर्द मे 193 गौवंश हैं। यहां टीनशेड का निर्माण भी कराया गया है। ठण्ड़ को देखते हुये पूर्व मे सरकार ने ब्लाक कर्मचारियों को निर्देशित कर कहा था कि टीनशेड़ों को चारों तरफ से त्रिपाल द्वारा ढका जाये, जिससे चलने वाली सर्द हवा अन्दर प्रवेश न करने पाये, साथ ही बोरों का बना स्वेटर वहां मौजूद गौवंशों को पहनाया जाये, जिससे गौवंशों को ठण्ड़ से बचाया जा सके। लेकिन ब्लाक के अधिकारियों व कर्मचारियों की उदासीनता के चलते न तो यहां टीन शेड़ को चारों तरफ से ढ़का गया है। और न ही गौवंशों को टाट के बोरों से बना स्वेटर उन्हें पहनाया गया है। जिससे वहां मौजूद गौवंश पड़ रही कड़ाके की ठण्ड़ मे ठिठुरने को मजबूर हैं। वहां गौवंशों की देखरेख कर रहे मजदूर ने बताया कि यहां करीब 200 जानवर हैं। ब्लाक के अधिकारियों ने उन्हें पहनाने के लिये सिर्फ 50 बोरों की व्यवस्था की है। इसी तरह अन्य ग्राम पंचायतों बेलगढ़ा, मोहम्मदनगर तालुकेदारी, खडौहां सहित अन्य ग्राम पंचायतों मे बनें पशु आश्रय केन्द्रों का हाल है। जहां गौवंशों के सापेक्ष नाम मात्र बोरों की व्यवस्था की गयी है। और न ही टीनसेट को चारों तरफ से ढका गया है। जिससे गौवंश इस पड़ रही कड़ाके की ठण्ड़ मे ठिठुरने को मजबूर हैं।
इस सम्बन्ध मे जब खण्ड़ विकास अधिकारी संस्कृता मिश्रा से जानकारी करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन मिला नहीं । इस सम्बन्ध मे पशु चिकित्साधिकारी डा0 आरबी राम का कहना है कि गौशालाओं मे मौजूद गौवंशों के लिये बोरों की समुचित व्यवस्था करा दी गयी है।