अमन लेखनी समाचार
मलिहाबाद, लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है कि मार्च 2022
तक प्रत्येक पात्र परिवार को आवास मुहैया कराया जाये। लेकिन ब्लाक के
अधिकारियों, प्रधान एवं सचिव की सांठगांठ से पात्रों को आवास का न लाभ
देकर अपात्रों को आवास उपलब्ध कराये जा रहे हैं। जिससे पीएम का सपना दूर तक साकार होता नहीं दिखाई दे रहा है।
ग्राम पंचायत बेलगढ़ा मे प्रधान व सचिव ने ब्लाक के अधिकारियों से
सांठगांठ कर अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ पहुंचाया है। जबकि इस ग्राम पंचायत मे कई ऐसे पात्र लाभार्थी हैं जो खुले आसमान के नीचे पन्नी व छप्पर की झोपड़ी बनाकर अपना व अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं। ग्राम बेलगढ़ा निवासी रामप्रसाद के पुत्र दिलीप को सचिव व प्रधान ने ब्लाक के अधिकारियों से सांठगांठ कर प्रधानमंत्री आवास का लाभ पहुंचाया है। जबकि इनकी पत्नी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मे आशा संगिनी के पद पर कार्यरत हैं। जिनको मासिक वेतन करीब साढ़े 7 हजार रूपये मिलता है। जबकि किसी सरकारी नौकर या पक्का मकान वाले को आवास का पात्र नहीं माना जाता है। लेकिन अधिकारियों ने धनबल के सहारे दिलीप कुमार को आवास का लाभ पहुंचाया है। दिलीप कुमार के भाई अवधेश को भी प्रधान व सचिव ने ब्लाक कर्मियों की सांठगांठ पीएम आवास का लाभ दिया है। जबकि इनके दो कमरे पक्के बनें हैं। इसी प्रकार यहीं के निवासी सेना को आवास की किस्त जारी की गयी है। जबकि इनका मकान भी पक्का बना है। यहीं के निवासी जगदीश का भी एक कमरा पक्का बना है। लेकिन इन्हें भी आवास दिया गया है। इसी प्रकार इसी ग्राम पंचायत के मजरा लुधौसी मे ग्राम प्रधान व सचिव ने ब्लाक के अधिकारियों व कर्मचारियों की सांठगांठ से रामबक्स, अशोक, श्रीपाल, सुरेन्द्र, केतारी,
सियादुलारी, सन्तोष को भी प्रधानमंत्री आवास की किस्त जारी करायी है।जबकि रामबक्स, अशोक का एक-एक कमरा पक्का बना है।
आशा संगिनी के पति दिलीप कुमार को आवास दिये जाने पर ग्रामीणों मे ब्लाक के अधिकारियों के प्रति रोष है। जबकि मानक हैं कि अगर किसी व्यक्ति के परिवार मे कोई व्यक्ति नौकर, मोटरसाइकिल, बन्दूक लाइसेंस, पक्का मकान है तो उसे प्रधानमंत्री आवास का लाभ नहीं दिया जा सकता है। लेकिन प्रधान व सचिव ने ब्लाक अधिकारियों की सांठगांठ से उक्त अपात्रों को आवास का लाभ पहुंचाया है। जबकि इसी ग्राम पंचायत मे कई ऐसे पात्र परिवार सूची मे सम्मिलित हैं जिन्हें आवास नहीं दिया गया है। ग्राम बेलगढ़ा निवासी अंकित की पत्नी प्रीती ने बताया कि उसका नाम सूची मे दर्ज है। वह अपने दो बच्चों व पति के साथ पन्नी की झोपड़ी बनाकर खुले आसामान के नीचे जीवन यापन कर रही हूं। लेकिन अधिकारियों ने पक्के मकानों व नौकरों को आवास दे दिया लेकिन मुझे नहीं। इसी तरह कई ऐसे पात्र परिवार हैं जिन्हें आवास का लाभ नहीं दिया गया है। जबकि सूची मे उनका नाम ऊपर दर्ज है। इस प्रकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को ब्लाक के अधिकारी व कर्मचारी सहित प्रधान व सचिव पलीता लगाने मे जुटे हैं। इससे साफ होता है कि कि पीएम मोदी का संकल्प दूर पर पूरा होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है।
इस सम्बन्ध मे जब खण्ड़ विकास अधिकारी संस्कृता मिश्रा से जब भी पूछने का प्रयास किया जाता है तो उनका सरकारी नंबर न उठाया जाता नही कोई जवाब मिलता है