अमन लेखनी समाचार
मलिहाबाद, लखनऊ लगातार पीड़ित अपनी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए चक्कर लगाने को मजबूर है बीते कुछ दिन पहले किसान को आम के सूखे पेड़ो को काट जलौनी बेंचने जा रहे दलित को वनरक्षक द्वारा मारपीट के मामले के तीन दिन व्यतीत हो जाने के बाद दलित क्षेत्राधिकारी कार्यालय के चक्कर काट रहा है। अपने रसूख के चलते वनरक्षक बराबर दलित पर दबाव बनाने के साथ दलित को उल्टे वन विभाग दलित को दोषी मान कार्यवाही की बात कर रहा है । पीड़ित दलित ने पुलिस के उच्चाधिकारियों को पत्र भेज रिर्पोट दर्ज कराये जाने की मांग की है।
बीते शनिवार को ग्राम नबीनगर निवासी दलित रमेश कुमार गौतम वनरक्षक दिलीप कुमार चौहान से पूंछ गांव के पास ही स्थित आम के बाग मे 4 सूखे आम के पेड़ काट जलौनी वाली लकड़ी बेंचने के लिये जा रहा था। रास्ते मे ग्राम खड़ता के निकट वनरक्षक दिलीप कुमार चैहान ने उसे रोक उससे 50 हजार रूपयों की मांग करने लगे। जिसका रमेश कुमार द्वारा विरोध किया गया। जिससे गुस्साये वनरक्षक दिलीप कुमार चौहान ने दलित रमेश कुमार गौतम को जातिसूचक गालियां देते हुये जूतों से मारपीट कर झूंठे मुकदमें मे फंसाने की धमकी दी थी। इस घटना की जानकारी जब ग्राम के पूर्व प्रधान जमशेदअली को हुयी तो उन्होंने काफी मान मनौव्वल के बाद दिलीप कुमार चौहान को 19 हजार रूपयों की धनराशि दिलाकर मामला रफा दफा कराया था। इस घटना की तहरीर रमेश कुमार गौतम ने थाने पर दी थी।
घटना के 5 दिन व्यतीत हो जाने के बाद जब उसकी थाने पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुयी तो उसने बुधवार को पुलिस क्षेत्राधिकारी कार्यालय मे लिखित तहरीर देकर वनरक्षक दिलीप कुमार चौहान के ऊपर रिर्पोट दर्ज कराने की मांग की। इसी के साथ ही उसने आईजी व पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को पत्र भेजकर रिर्पोट दर्ज कराये जाने की मांग की है। जबकि दोषी वनरक्षक दिलीप कुमार चौहान क्षेत्र में खुलेआम घूम पीड़ित पर लोगों द्वारा दबाव बनाता नजर आ रहा है। आरोपी वनरक्षक पूर्व में भी खुले आम हरियाली पे आरा चला अपनी जेबे भरता नजर आया है। काफी समय से जमे वन रक्षक के रसूक का ये हाल है की खुद जिला वन अधिकारी अपना दामन बचाते नजर आते है ।
इस सम्बन्ध मे जिला वन अधिकारी डा0 रविकुमार का कहना हे कि जांच करायी जा रही है। दोष सिद्ध होने पर दोषी कर्मचारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। इस सम्बन्ध में पुलिस क्षेत्राधिकारी योगेन्द्र सिंह से जब जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि मामला वन विभाग से संबंधित है जिस पर कार्रवाई खुद जिला वन अधिकारी करेंगे