बस से उतरते यात्री
चक्का जाम के दूसरे दिन परिवहन निगम अधिकारियों और यूनियन के प्रयासों से रोडवेज का संचालन शुरू करा दिया गया। सुबह 10 बजे तक यात्री रोडवेज बसों के लिए परेशान जरूर रहे। लेकिन उसके बाद सभी रूटों पर बसों का संचालन शुरू होने से यात्रियों ने राहत की सांस ली।
2 जनवरी सुबह सारसौल स्थित वर्कशॉप पर रोडवेज चालक एकत्रित हो गए। गेट पर ही प्रदर्शन करने की कोशिश की। डिपो से बंस बाहर नहीं निकाली। लेकिन, संकट की इस घड़ी में परिवहन निगम के अधिकारियों ने सूझबूझ दिखाई। अधिकारियों और यूनियन पदाधिकारियों ने रोडवेज चालक-परिचालकों को समझाया। कहा कि अभी ये नियम लागू नहीं किया गया है। अगर इस तरह का कोई भी आदेश पारित होता है, तो यूनियन उनके साथ खड़ी है। इस दौरान चालकों को निगम हित में कार्य करने का आह्वान किया। जिसके बाद सुबह 10 बजे करीब चालक बस निकालकर अपने-अपने रूटों पर रवाना हुए।
रूटों पर बसों की संख्या रही कम
रोडवेज बसों का संचालन तो शुरू हो गया। लेकिन, प्रत्येक रूट पर बसों की संख्या कम रही। जिससे यात्रियों को थोड़ी-बहुत परेशानी उठानी पड़ी। सुबह-सुबह बस अड्डों पर यात्रियों की भीड़ लगी रही। रोडवेज बस ने होने के कारण यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा।
दो दिन में करीब 75 लाख की राजस्व हानि
रोडवेज बसों का चक्का जाम के चलते दो दिन में करीब 75 लाख की राजस्व हानि हुई है। पहले दिन 1 जनवरी को रोडवेज बसों का संचालन पूरी तरह से ठप रहा था। जिसमें 50 लाख की राजस्व हानि हुई थी। दूसरे दिन पूरी संख्याबल से संचालन न होने के कारण करीब 25 लाख के नुकसान का अनुमान है।
2 जनवरी को काफी प्रयासों के बाद रोडवेज चालकों को समझाया गया। सुबह 10 बजे के बाद बसों का संचालन शुरू कराया गया है। आगे भी संचालन जारी रहेगा। -सत्येंद्र वर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक
सभी रोडवेज चालकों को यूनियन और अधिकारियों ने वार्ता कर समझाया। काफी मशक्कत के बाद संचालन शुरू हुआ। चालकों में भय व्याप्त है। यूनियन उनके साथ है। –मुनेंद्रपाल सिंह, मंडल अध्यक्ष, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद