भूमि संरक्षण विभाग बना भ्रष्टाचार का अड्डा,सभी योजनाओं में जमकर हुआ भ्रष्टाचार

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चित्रकूट।। एक तरफ जहाँ योगी सरकार जीरो टोरलेन्स तथा भ्रस्टाचारियों से पैसा वसूल कर सलाखों के अंदर भेजने की बात कर रही है , वहीं योगी सरकार की सबसे करीबी धर्मनगरी चित्रकूट के भूमि संरक्षण विभाग में संचालित तमाम योजनाओं में जमकर भ्रष्टाचार व्याप्त है,लेकिन सही तरीके से जांच न होने से अधिकारियों की तो बल्ले-बल्ले है लेकिन भूमि संरक्षण विभाग में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का किसानों को समुचित लाभ न मिल पाने के कारण सरकार की किरकिरी भी जमकर हो रही है।

नही लगे मानक बोर्ड,लाखो में हुआ घोटाला ज्ञातव्य हो भूमि संरक्षण विभाग के द्वारा किसानों के खेतों में खेत तालाब खोदने की योजना संचालित की जा रही है। जिसमे खेत तालाब खोदने से पहले उसमे मानक बोर्ड लगाए जाने का भी प्राविधान है,लेकिन भूमि संरक्षण अधिकारियों के मेलमिलाप से किसी भी तालाब में मानक बोर्ड नही लगाया गया है,जिससे किस तालाब को कब खोदा गया,किस विभाग के द्वारा खोदा गया ,कितनी लागत से खोदा गया है ,आदि आदि जनकारी अंकित की जानी थी,लेकिन बोर्ड न लगने से ऐसा कोई जानकारी नही मिल रही है।
सूत्रों की माने तो 2015-16 में खुदे तालाबो में कुछ एक खेत तालाबो में मानक बोर्ड लगाए गये हैं लेकिन 2016-17 के बाद खुदे खेत तालाबो में एक भी मानक बोर्ड नही लगाए गए हैं। जानकारी के अनुसार आपको बता दे एक साल में चित्रकूट जिले में लगभग 5 सौ खेत तालाबो को खोदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसमे 2016 से 2020 तक लगभग 2 हजार खेत तालाब खोदने का लक्ष्य रखा गया था,(कम ज्यादा भी हो सकते हैं)। जिसमे तालाबो में मानक बोर्ड भी लगाए जाने थे लेकिन किसी भी तालाबो में एक भी मानक बोर्ड नही लगाए गए है जबकि सूत्रों की माने तो एक मानक बोर्ड की कीमत 5 हजार बताई जा रही है यानी 2016 से 2020 तक 10 लाख से ज्यादा का घोटाला भूमि संरक्षण के तीनों खण्डों में किया गया। अगर योगी सरकार गहनता से जाँच कराये तो इससे बड़ा भी घोटाला सामने आ सकता है।

खेत तालाबो का पैसा दोहरी नीति से निकाला गया

भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों को इतने में ही संतोष नही हुआ विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार जानकारी तो यहाँ तक हो रही है कि इस विभाग के द्वारा खुदे खेत तालाबो में दो-दो/तीन-तीन लोगों के नाम भी पैसा निकाला गया है,यानी एक ही तालाब को दिखाकर तीन लोगो के नाम पैसा निकाला गया है। जिससे आप समझ सकते हैं कि सरकार को किस तरह से चूना लगाया गया है।

2020-21 में भी चालू है भ्रस्टाचार का खेल ,दलालो के माध्यम से कराया जा रहा खेल

2019-20 में ही यह खेल नही रुका यह खेल अभी भी जारी है सूत्रों के माने तो मार्च महीने के अंतिम तक सरकारी बजट का ठिकाने लगाने के लिए अधिकारियों व दलालो की माध्यम से खेल खेला जा रहा है।
कुछ खेत तालाब तो खुदे तक नही फिर भी पेमेंट हो गया और कुछ तालाबो का पैसा किसानों के खातों में ने भेजकर दलालो के खातों में भेजा गया,वहीं आपको बता दे कार्यवाही न होने से इन सभी भ्रस्टाचार कर रहे अधिकारियों ,कर्मचारियों व दलालो के हौसले बुलंद हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इनका कहना हमारा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता है,लेकिन सबसे बड़ी बात भ्रस्टाचार रूपी खेल में आखिर और किसका है हाथ,जिससे भ्रस्टाचारियों को नही है डर।
भूमि संरक्षण विभाग में यदि जांच हुई तो कितने तालाब कागजो में कहां-कहां खुदे हैं और धरातल में कितने खुदे हैं ये सब सामने आ जायेगा। यदि उच्च स्तरीय जांच हुई तो योगी सरकार के कथनानुसार भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों का ठिकाना कहा होगा ये आप समझ चुके होंगे।

सबसे बड़ा सवाल क्या सूबे की भाजपा सरकार भूमि संरक्षण विभाग में हुए कार्यो का धरातल में हकीकत जानेगी या कागजी कोरम पूरा देख ही खुश होगी यह लोगो के जबान सवाल उठ रहा है…?

क्या पक्ष -विपक्ष के नेता जनता के हितों के लिए जांच करायेगे या चुनाव के समय ही हितैसी बन कर घूमेंगे..?

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